अध्याय 1 भारत : स्थिति
और विस्तार
कारण बताएँ
1. कोलकाता और अहमदाबाद में सूर्य वर्ष में दो बार लंबवत चमकता
है, पर दिल्ली और श्रीनगर में नहीं। क्यों?
उत्तर: इसका कारण यह है
क्योंकि कोलकाता और अहमदाबाद कर्क रेखा के नीचे उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में स्थित
हैं, इस कारण वहाँ साल में दो बार सूर्य लंबवत चमकता है, जबकि दिल्ली और श्रीनगर
कर्क रेखा से ऊपर शीतोष्ण कटिबंधीय क्षेत्र में स्थित हैं। इसके लिए वहां पर सूर्य
लंबवत नहीं चमकता।
2.
कश्मीर और कन्याकुमारी में दिन-रात की अवधि में अंतर क्यों
है?
उत्तर:
कश्मीर और कन्याकुमारी भारत के उत्तरी और दक्षिणी छोर पर
स्थित हैं। पृथ्वी के झुकाव के कारण उच्च अक्षांशों (जैसे कश्मीर) पर दिन और रात
की अवधि में अधिक भिन्नता होती है, जबकि निम्न अक्षांशों (जैसे कन्याकुमारी) पर यह
भिन्नता बहुत कम होती है। इसलिए कश्मीर में दिन-रात की अवधि में अधिक अंतर होता
है, और कन्याकुमारी में कम।
3.
अरुणाचल
प्रदेश में गुजरात की अपेक्षा दो घंटे पहले सूर्योदय क्यों होता है?
उत्तर: अरुणाचल प्रदेश
भारत के पूर्व में स्थित है और गुजरात पश्चिम में। चूंकि पृथ्वी पश्चिम से पूर्व
की ओर घूमती है, इसलिए पूर्व में स्थित स्थानों पर सूरज पहले उगता है। भारत में एक
ही समय (IST)
मान्य होने के बावजूद, वास्तविक सूर्योदय-समय में लगभग दो
घंटे का अंतर होता है।
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न :
1.
भारत की अधिकतम लंबाई (उत्तर से दक्षिण) कितनी है ?
उत्तर :- 3214 किलोमीटर
2.
भारत के किस राज्य में सूर्यास्त सबसे पीछे होता है ?
उत्तर :- गुजरात
3.
कर्करेखा भारत के किस भाग से गुजराती है ?
उत्तर :- भारत
के बीचों-बीचों गुजराती है।
लघु उत्तरीय प्रश्न :
1.
भारत किस महासागर के शीर्ष पर स्थित है ?
उत्तर :- भारत हिन्दमहासागर के शीर्ष पर स्थित है।
2.
क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत से बड़े सभी देशों के नाम बताएँ
।
उत्तर :- रूस, कनाडा, अमेरिका, चीन, ब्राजील, भारत |
3.
भारत किन अक्षांशों और देशान्तरों के बीच स्थित है ?
उत्तर :- उत्तरी गोलार्द्ध में भारत की मुख्य भूमि 8°4’ उत्तर से
37°6’ उत्तर अक्षांश एवं 68°7’ पूर्व देशांतर से लेकर 97°25’ पूर्व देशांतर के बीच
स्थित है।
4.
भारत की अधिकतम लंबाई (किलोमीटर में) कितनी और किस दिशा में
है ?
उत्तर :- 3214 किलोमीटर उत्तर से दक्षिण दिशा में है।
5.
भारत के दक्षिण-पश्चिम में कौन-सा भारतीय द्वीप-पुंज स्थित
है ?
उत्तर :- लक्षद्वीप
6.
भारत के दो द्विपपुंज कौन-कौन है और वे कहाँ स्थित है?
उत्तर :- लक्षद्वीप अरब सागर में और अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह
बंगला की खाड़ी में स्थित है।
7.
भारत के कौन-कौन से पड़ोसी देशों की सीमाएँ भारत की स्थलीय
सीमाओं को स्पर्श करती है ?
उत्तर :- पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन, नेपाल, भूटान, म्यांमार,
बांग्लादेश ऐसे ही है।
8.
भारत के पड़ोसी देश कौन-कौन है ?
उत्तर :- पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, चीन, नेपाल,
भूटान, म्यांमार, श्रीलंका, मालदिव।
9.
लक्षद्वीप एवं अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह की स्थिति
बताएँ।
उत्तर :- लक्षद्वीप भारत के दक्षिण पश्चिम में अरब सागर में
स्थित है| अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह भारत के दक्षिण पूर्व में बंगाल की खाड़ी
में स्थित है।
10. भारतीय उपमहाद्वीप किन देशों
से मिलकर बना है ?
उत्तर :- भारतीय उपमहाद्वीप 7 पड़ोसी देशों से मिलकर बना है|
जैसे - पाकिस्तान, मालद्वीव, श्रीलंका, म्यांमार, बांग्लादेश, भूटान और नेपाल |
11. भारत के लिए एक मानक देशांतर
की आवश्यकता क्यों है ?
उत्तर :- क्योंकि देशान्तर बदलने से समय बदल जाता है। यदि मानक
देशांतर नहीं हो तो पुरे देश में अलग-अलग समय हो जाएगा। इसीलिए मानक देशान्तर की
आवश्यकता है।
12. दो द्वीपीय देशों के नाम बताएँ
जो भारत के पड़ोसी है ?
उत्तर :- मालदीव और श्रीलंका
13. जम्मू-कश्मीर एवं केरल/तमिलनाडू
पर भौगोलिक स्थिति का जलवायवी प्रभाव बताएँ।
उत्तर :- बढ़ते
अक्षांश के कारण तापमान घटता जाता है। यही कारण है केरल और तमिलनाडू में जो की
विषुवत रेखा के निकट है, सदा तापमान अधिक रहता है। जम्मू-कश्मीर में, जो विषुवत
रेखा से काफी दूर है, तापमान बहुत कम रहा करता है जिसका प्रभाव वहाँ की खेती,
खान-पान वेशभूषा, दिनचर्या आदि पर पड़ता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :
1.
प्राचीन और मध्यकाल में भारत का संबंध संसार के अन्य देशों से
रहा है। इस कथन की पुष्टि करें।
उत्तर :- भारत के प्राचीन विश्वविद्यालयों में अध्यन करने के लिए
तिब्बत, चीन, जापान और यूरोपीय देश के विद्यार्थी आया करते थे। यही नहीं,
स्थलमार्ग और समुद्रिमार्ग से होकर भारत के गरम मसाले, सूती रेशमी कपड़ें आदि दूर
देशो तक पहुंचाए जाते थे | भारत की स्थिति विश्व के प्रमुख महासागरीय व्यापारिक
मार्ग पर स्थित है। इसका सबसे बड़ा लाभ विश्व के अधिकतम देशों से व्यापारिक संबंध
जोड़ने में होता है। जैसे पूर्वी एशिया, दक्षिणी एशिया, अफ्रीका, यूरोप,
आस्ट्रेलिया आदि देशों से इस मार्ग द्वारा भारत व्यापारिक संबंध रखता है।
2.
भारत की स्थिति व्यापारिक दृष्टि से किस प्रकार महत्वपूर्ण है
?
उत्तर :- वैश्विक सन्दर्भ में भारत की स्थिति इसे अंतरराष्ट्रीय
जगत में महत्वपूर्ण स्थान प्रदान करता है। इसकी स्थिति विश्व के प्रमुख व्यापारिक
मार्ग पर है। पश्चिम में यूरोप एवं पूर्व में आस्ट्रेलिया के मध्य भारत स्थित है। हिन्द
महासागरीय देशों में अन्य किसी भी देश को ऐसा स्थितिक लाभ प्राप्त नहीं है। 1869
में स्वेज नहर खुल जाने से भारत एवं यूरोप के बीच लगभग 7000 किलोमीटर की दुरी कम
हो गई। इससे समुद्री जहाज केप मार्ग के बजाय अब स्वेज नहर मार्ग होकर जाने लगे।
इसके कारण समय और ईंधन दोनों की बचत होती है। भारत के साथ-ही-साथ इस मार्ग से
जानेवाली सभी जहाज़ों को यही लाभ मिलता है। यूरोप के दक्षिण एशिया, आस्ट्रेलिया
जानेवाले जहाज़ों को भारत होकर आना जाना पड़ता है। ऐसी स्थिति में भारत हिन्द
महासागरीय व्यापारिक मार्ग के साथ-ही-साथ स्वेज नहर मार्ग एवं दक्षिणी प्रशांत
महासागरीय मार्ग से भी जुड़ा हुआ है। भारत का विश्व के साथ न केवल समुद्री
जलमार्गों द्वारा संपर्क बना रहा है. बल्कि इसका संपर्क स्थल मार्गों से भी हो रहा
है। भारत का पश्चिमी, मध्य तथा पूर्वी एवं दक्षिणी-पूर्वी एशिया के विभिन्न देशों
के साथ संपर्क व्यापारिक दृष्टि से रहा है और आज भी है। मसाला, मलमल, कपड़े तथा कई
अन्य सामान भारत से विभिन्न देशों को रेशम मार्ग से निर्यात होता रहा है। आज भी
भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार से अपनी स्थिति के कारण विभिन्न देशों को कई सामान
निर्यात करता है।
3.
भारत की भौगोलिक स्थिति और विस्तार पर प्रकाश डालें ।
उत्तर :- भौगोलिक दृष्टि से भारत का मुख्य भूभाग 8°4’ से 37°6’ उतर अक्षांश तथा 68°7’ से 97°25’ पूर्व
देशान्तर तक फैला है। कर्करेखा (23°30’ उत्तर अक्षांश) इस देश के दो समान भागों
में बाँट देती है। विस्तार- भारत एक विस्तृत देश है | इसके उत्तरीय सिरे से 22°
उत्तर अक्षांश तक पूर्वी-पश्चिमी विस्तार बढ़ता गया है। इसका सबसे अधिक विस्तार
(2933 किलोमीटर) लगभग 22° उत्तर अक्षांश पर मिलता है। समुद्र में स्थलीय भाग का
निकला नुकीला भाग जो तीन ओर से समुद्र से घिरा हो अंतरीप कहलाता है। भारत के इसी
अंतरीप का नाम कन्या कुमारी अंतरीप है। भारत के उत्तरी छोर से इस छोर की दुरी
3,214 किलोमीटर है। भारत के मुख्य भूमि की समुद्री तटीय सीमारेखा 6,100 किलोमीटर
है। परन्तु भारतीय द्वीपों की तटीय सीमारेखा की लम्बाई इसमे जोड़ने पर कुल तटीय
सीमारेखा 7516.6 किलोमीटर होती है। भारत की स्थल सीमारेखा 15,200 किलोमीटर है।
4.
भारत के देशांतरिय विस्तार का यहाँ के समय पर क्या प्रभाव
है? बताएँ ।
उत्तर :- देशांतरिय विस्तार का प्रभाव समय पर पड़ता है।
ज्यों-ज्यों पश्चिम से पूरब की ओर बढ़ाते है समय बढ़ता जाता है। इसी कारण जहाँ
अरुणाचल प्रदेश में जिस समय सूर्योदय होता है, उससे ठीक 2 घंटे बाद कच्छ प्रदेश (गुजरात)
में सूर्योदय होता है।
5.
भारत की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए बताएँ की हिन्द महासागर
से यह देश किस प्रकार लाभान्वित हुआ है ?
उत्तर :- भारत की स्थिति हिन्द महासागर के शीर्ष पर है। इसका
बड़ा सबसे लाभ विश्व के अधिकतम देशों से व्यापारिक संबध जोड़ने से होता है। जैसे
पूर्वी एशिया, दक्षिण एशिया, अफ्रीका, यूरोप, आस्ट्रेलिया आदि देशों से इस मार्ग
द्वारा भारत व्यापारिक संबध रखता है ।
6.
भारत की स्थिति देश में एकता और सांस्कृतिक विशिष्टता बनाए रखने
में किस प्रकार सहायक सिद्ध हुई है? इसने जलवायु को किस प्रकार प्रभावित किया है ?
इसपर भी प्रकाश डालें ।
उत्तर :- भौगोलिक दृष्टि से भारत का मुख्य भू-भाग 8°4’ से 37°6’ उत्तर अक्षांश तथा 68°7’ से 97°25’ पूर्व देशांतर तक फैला है। 2004 के पूर्व इसका सबसे दक्षिणी छोर या दक्षिणतम बिंदु 6°4’ उत्तरी अक्षांश पर स्थित था जो अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह का सबसे दक्षिणी छोर था और यह 2004 में सुनामी लहरों के चलते जलमग्न हो गया है यह इंदिरा प्वायंट कहलाता था | यह विषुवत रेखा से लगभग साढ़े छः सौ किलोमीटर उत्तर है। भारत का उत्तरी भाग हिमालय पहाड़ और दक्षिणी भाग सागरों से घिरा है। देश का अधिक भाग प्राकृतिक बनावटों से घिरा है। यही प्राकृतिक बनावट देश की एकता और सांस्कृतिक विशिष्टता की पहचान है। इसकी जलवायु अलग-अलग क्षेत्रों में अनेक प्रकार की है। लद्दाख के क्षेत्रों में ठंडक है। जहाँ न्यूनतम तापमान है -20°C तक पहुँच जाती है । राजस्थान में अधिकतम तापमान 50°-55°C तक पहुँच जाता है। तमिलनाडू में शीतकाल में अधिकतम वर्षा होती है। पुरे देश में ग्रीष्म ऋतु में मेघालय में औसत वर्षा 300 सेमी. से भी अधिक होती है। राजस्थान और कश्मीर का लेह अत्यल्प वर्षा का क्षेत्र है। उत्तर भारत में ग्रीष्म ऋतू में लू चलती है। दक्षिण भारत में ऐसा नहीं होता है। उत्तर का मैदानी भाग बहुत उपजाऊ है। दक्षिण का पठारी भाग कम उपजाऊ है। इस तरह भारत अपने प्राकृतिक स्थिति से जलवायु को भी प्रभावित किया है।