दहन और ज्वाला
- दहन- जब किसी पदार्थ में से प्रकाश और ऊष्मा उत्पन्न होती है। उसे हम दहन कहते हैं। दहन होने के लिए उस पदार्थ को ऑक्सीजन की उपस्थिति की आवश्यकता होती है। ऑक्सीजन न मिलने पर दहन बंद हो जाता है।
- ज्वाला- जब किसी पदार्थ का दहन होता है उस समय उसमें से कुछ लपटे बाहर निकल कर आती हैं जिसे हम ज्वाला कहते हैं।
हम आग पर नियंत्रण कैसे पाते हैं।
हम जानते हैं कि आग लगने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है। जब कहीं पर आग लग जाती हैं तो हम उस पदार्थ से ऑक्सीजन की सप्लाई को बंद कर देते हैं और आग पर नियंत्रण पा लेते हैं। इसके लिए हम कार्बन डाइऑक्साइड गैस का प्रयोग करते हैं। क्योंकि कार्बन डाइऑक्साइड गैस ऑक्सीजन से भारी है इसी वजह से कार्बन डाइऑक्साइड पदार्थ के चारों तरफ एक परत बना लेती है जिसकी वजह से ऑक्सीजन की सप्लाई बंद हो जाती है और पदार्थ जलना बंद हो जाता है।
- ज्वलन ताप - वह न्यूनतम ताप पर कोई पदार्थ विशेष जलने लगता है, उसका ज्वलन ताप कहलाता है।
- ज्वलनशील पदार्थ - जिन पदार्थों का ज्वलन ताप काफी कम होता है और वह ज्वाला के साथ, सरलता पूर्वक आग पकड़ लेते हैं, वे ज्वलनशील पदार्थ कहलाते हैं।
दहन के प्रकार-
- तीव्र दहन- वह पदार्थ जो बहुत ही जल्दी आग पकड़ लेता है। उस पदार्थ के दहन को हम तीव्र दहन कहते हैं। जैसे- LPG गैस
- स्वतः दहन - ऐसा दहन जिसमें पदार्थ बिना किसी उस्मा के जलना शुरू कर देता है। उसे हम स्वतः दहन कहते हैं।
- विस्फोट- इस दहन में बड़ी मात्रा में ध्वनि, उष्मा और प्रकाश पैदा होता है। अभिक्रिया से उत्पन्न गैस बड़ी मात्रा में निकलती है। इसे हम विस्फोट कहते हैं। जैसे दिवाली के समय पटाखों का जलाना
मोमबत्ती की ज्वाला का चित्र
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| मोमबत्ती की ज्वाला का चित्र |
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